may14

शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2014

Happy valentine day in hindi...



मेरा प्यार......

दोस्तों,

प्यार..... एक रूहानी अहसास ..... एक मादकता .....एक नशा ,   जिसे शब्दों में बयाँ नहीं किया जा सकता ,है ना ? 

college time  में लगभग सभी को प्यार होता है ,मुझे भी हुआ ! कई आशिकों की प्रेयसी यथार्थ होती है जबकि कुछ की मेहबूबा उनकी कल्पना में रहती है ,मेरी भी कल्पना में ही थी ! हकीकत में वैसी कोई मिली ही नहीं !

ख़्वाबों की मलिका  का एक फायदा यह भी होता है कि जैसे चाहे  आप उसे सँवार सकते हैं ,निखार सकते हैं ,प्यार कर सकते हैं !

दोस्तों, यहाँ मैं बात कर  रहा हूँ  विशुद्ध प्यार की , आत्मिक प्रेम की ,दिल से दिल की ,   न कि आज की तरह fast food love की ,जिसे खाया , पिया ,हाथ पोंछे  और ख़तम ! वो प्यार जो जिस्मानी नहीं रूहानी होता है , उस प्यार की !

teen age और hormone का उफान अपने शिखर पर ,  ऐसे में दिल कब ,  किसके लिए , कहाँ और कैसे मचल जाए ,  कह नहीं सकते  ,है ना ?

दुनिया की भीड़ में अचानक कोई चेहरा ख़ास,अपना सा लगने लगता है ! उसे बार -बार देखने को ,उसके बारे में सोचने को जी चाहता है ! एक अच्छा खासा इंसान बला का शायर बन जाता है ! शेर और गजल उसके मुँह से ऐसे बाहर निकलती हैं जैसे गोमुख से गंगा ,
नींद उड़ जाती है ,भूख मर जाती है ,कुछ सुनाई नहीं पड़ता  , मन खोया खोया  सा रहता है ,बिना बात मुस्कुरा देता है ,दोस्तों और सखियों के ताने भी मन में हिलोर पैदा कर देते हैं ,चाँद से दोस्ती हो जाती है ,और भी पता नहीं क्या क्या होता है ,  ऐसे में मन में, जिस्म के हर कतरे में शायरी का जन्म होता है !  मेरे भी हुआ ,मुलायजा फरमाईये ----


मेरी भी एक प्रेमिका थी ,
ख्वाबों में आया करती थी !
अपने मन की बातों को ,
मुझे हौले से सुनाया करती थी !
हंसती थी तो लगता था कि ,
फूल जमीं पर बिखर रहे हैं !
उसके दुपट्टे की छुअन से ,
अरमान मेरे भी निखर रहे हैं !
बड़े अजीब से दिन थे वो ,
जब डाँट भी अच्छी लगती थी !
ख़्वाबों में जो करता था तुमसे ,
वो बात भी सच्ची लगती थी !
पहलु में हौले से आकर तुम ,
जब पलकों को झुकाया करती थीं !
महसूस कर उस पल की रुमानियत ,
चाँदनी भी शरमाया करती थी !
बड़े अजीब से दिन थे वो ,
जब रातें लम्बी हो जाती थीं !
कब मेरे ख्वाबों में आकर ,
तुम पहलू में मेरे सो जाती थीं !
तुम्हारे स्पर्श से आल्हादित ,
मैं बेसुध सोया सा रहता था !
सुबहो शाम दिन रात हमेशा ,
मन भी खोया सा रहता था !
हाँ ,ये सच है कि वजूद तुम्हारा ,
हक़ीक़त नहीं एक सपना था !
लेकिन ये भी क्या कम है कि ,
वो सपना भी मेरा अपना था !

दोस्तों दिल की बाते हैं , जितनी की जाएँ कम हैं , अंत में अपने इस शेर से अपनी दिल की बात कहता हूँ ---

बड़ी मुद्दत के बाद आज गजल कही दिल ने ,
कल रात मेरा मेहबूब ,ख्वाब में आया था मेरे !

डॉ नीरज यादव "साहिल " 

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