may14

मंगलवार, 28 जनवरी 2014

geeta saar in hindi -2



मैंने कहा, कोशिश तो कर …… 


दोस्तों, 
 मेरी post --  करिष्ये वचनं तव ..... को आप सब ने लोकप्रिय पोस्ट के दूसरे पायदान पर सुशोभित किया है ,शुक्रिया दिल से…… 

सच में दोस्तों गीता का उपदेश किसी भी रूप में पढ़ा या सुना जाए ,जीवन की कठनाइयों में राह दिखाने वाला ही होता है ! 

युद्ध के मैदान में जब अर्जुन हताश और पलायनवादी होने लगता है ,तब श्री कृष्ण उसे जो ज्ञान देते हैं ,एक कोशिश की  है उसे अपने शब्दों में पिरोने की ,

कृष्ण कहते हैं -----

उसने कहा मुझसे नहीं होगा 
मैंने कहा ,   कोशिश तो कर !
चलने से पहले रुक जाना 
उठने से पहले बैठ जाना 
बिना किये ही थक जाना 
बिना जिए ही मर जाना 
अरे ! हटा इन मन के भावों को 
कुछ करने की हिम्मत तो कर !
क्यों व्यर्थ समय को खोता है 
कर्म तो करने से ही होता है 
जीवन एक संग्राम बड़ा है 
पग-पग पर व्यवधान खड़ा है !
क्यों मोह-माया में उलझ रहा 
कर्तव्य से क्यों भटक रहा 
आलस-प्रमाद अवसाद का कोहरा 
क्यों तेरे चहुँ ओर लिपट रहा !
दूर हटा अवसाद के तिमिर को 
आशा की ज्योति तो जप 
चल उठ ,खड़ा हो झटक डर  को 
चढ़ा प्रत्यंचा  गांडीव पर !
उसने कहा मुझसे नहीं होगा 
मैंने कहा ,   कोशिश तो कर .....

डॉ नीरज यादव 


दोस्तों जैसा स्नेह आपने मेरी पहली गीता सार पोस्ट  को दिया है ,उम्मीद है उतना ही अपनत्व इस पोस्ट को भी देंगे ,देंगे ना ?


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रविवार, 19 जनवरी 2014

article for teenagers in hindi ...





चढ़ती जवानी , न करना नादानी ...



दोस्तों,
ये post खासतौर  से मेरे युवा साथियों के लिए ,  या यूँ कहें अभी ताजा -ताजा जवान हुए या हो रहे adolescent,teenagers दोस्तों के लिए !

कल्पना कीजिये एक पिता अपने किशोर पुत्र को एक नई bike दिलाता है ! बेटा बड़ी शान और style से अपनी new bike road पर चलाता है ! जाहिर है speed से भी ! और अगर सामने से कोई मोहतरमा आ जाये तो style और speed दोनों ही बढ़ जाती हैं , स्वाभाविक ही है !

मान लीजिये ऐसे में drive करते करते road पर एक slope या ढलान आ जाती है ! आप क्या करेंगे ? उसी तेज speed से bike चलाते रहेंगे या speed control करेंगे ,brake को use करेंगे ,speed को कम करेंगे ?

जाहिर है brake की help से speed control करेंगे ,ताकि कहीं गिर न जाएँ ,लग न जाए ,है ना ?

और अगर चिकनी ,फिसलनभरी ढलान पर भी उसी  style और speed से तेज चलते रहे तो बहुत सम्भावना है कि bike slip कर जाए ,bike और biker दोनों को लग जाये !

दोस्तों, चढ़ती उम्र भी उसी नयी  bike की तरह है जिसे speed और ज्यादा speed से आप चलाना चाहते हैं ! स्वाभाविक ही है ,ये उम्र ही ऐसी है जब शरीर में male harmons का ज्वार उफान पर आने को होता है ! चंचल मन सारे बंधन तोड़ हर सीमा से परे जाना चाहता है ! अज्ञात को जानने की इच्छा अपना सिर उठाती है ! एकान्त अच्छा लगता है ! दोस्तों,हमउम्र के साथ कल्पना के जगत में विचारना भाता है ! विपरीत-लिंग आकर्षित करता है ! मन में भावनाओं ,इच्छाओं ,कल्पनाओं का ज्वालामुखी फूटने के कगार पर होता है ,दुनिया मुट्ठी में महसूस होती है ! समाज के नियम तोड़ना जवान होने का अहसास कराता है ! चढ़ती जवानी या यूँ कहें आती युवावस्था रूपी नई bike speed की सारी हदों को तोड़ देना चाहती है ! हर अनुभव से गुजर जाना चाहती है !  Internet, mobile,  Whatsapp जैसे gadgets इस यौवन की आग में घी का काम करते हैं ! और ऐसे में जवान नयी bike कब राजपथ से main road  से उतर कर  कीचड भरी पगडण्डी में ,गड्ढों  में ,उबड़-खाबड़ रस्ते पर उतर जाती है पता ही नहीं पड़ता !
और जब पता पड़ता है तब तक देर हो चुकी होती है ,bike फिसल कर गिर चुकी होती है ! कई बार repair हो पाती है ,कई बार repair भी नहीं हो पाती ,कबाड़ हो जाती है !

क्या करें कि bike भी अच्छे से चलायें और गिरें भी नहीं ! 
करना क्या है ,अपने विवेक रूपी brake पर पाँव रखिये ! जहाँ लगे कि bike गलत जा रही है ,या आगे गड्ढा है ,फिसलन है ,विवेक रूपी brake लगा लीजिये ,गिरने से ,फिसलने से बच जायेंगे !

एक बात और ,इस चढ़ती उम्र में किसी बड़े का समझाना ,बतलाना ,फूटी आँख नहीं सुहाता , पीछे बेठे पिता या बड़े भाई की नसीहत कि थोडा धीरे चलो ,ढंग से चलाओ ,सम्हाल कर चलाओ , बिलकुल अच्छी नहीं लगती ! है ना ?  क्या करें harmons का प्रभाव ही ऐसा है !

फिर भी भावनाओं ,कल्पनाओं, इच्छाओं के उफान को जो विवेक रूपी बाँध से बांधे रखता है ,वही सच्चा युवा है !
bike चलाते हुए सामने फिसलन भरा रास्ता आ जाए ,तो एक समझदार biker क्या करता है ,जाहिर है सम्हाल कर ,धीरे से ,कम speed से balance बना कर उस रस्ते को , उस फिसलन को ,जहाँ गिरने की सम्भावना ज्यादा है ,पार करता है ! फिर सही और साफ़ highway आने पर वापस speed maintain कर लेता है !

दोस्तों ये teenage का रास्ता {from thirteen through nineteen (13–19)yrs.} भी कुछ कुछ वैसा ही फिसलन भरा है ! जिसमे हमारे (जीवन की ) सड़क पर गिरने की सम्भावना ,बिगड़ने,भटकने ,बहकने की सम्भावना सबसे ज्यादा होती है ! और विडम्बना कि  इसी उम्र में हम नई-नई bike चलाना सीखते हैं !
नया-नया driver , नयी bike ,खुली आमंत्रित करती सड़कें ,सारा सरंजाम जुटा होता है गिरने का !
पर एक सच्चा युवा वो ही है ,जो ऐसे में भी ,इतने प्रलोभनों में भी अपने विवेक रूपी brake की सहायता से सफलता पूर्वक इस फिसलन भरे रस्ते को पार करता है ! और भविष्य की जिंदगी की race में अव्वल आने के लिए अपने स्वयं और अपनी bike को fit and maintain रखता है !

अपनी जवानी के घोड़े को विवेक के चाबुक तले रखिये ! फिर देखिये ,ये ऊर्जा,उत्साह ,सेहत से भरपूर घोडा आपको जिंदगी के अनेक राजपथों पर ,मंजिलों पर ले जाता है ! 

कहीं ऐसा न हो इस कच्ची उम्र में किया गया एक गलत काम जिंदगी भर की पीड़ा दे जाए ! थोडा सा मजा जिंदगी की सजा न हो जाए !

एक शेर मुझे याद आ रहा है ----

कुछ ऐसे भी मंजर हैं , तारीख की नज़रों में 
लम्हों ने खता की थी ,सदियों ने सजा पाई !!



आगे आप खुद समझदार हैं ,है ना ?

डॉ नीरज यादव, बारां 


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शुक्रवार, 10 जनवरी 2014

Contemporary story in hindi





विडम्बना... 



सालों पहले की बात है ! एक बहुत बड़ा जंगल था लेकिन जिसमे कोई पेड़ नहीं था ! सारे जानवर और पक्षी वहाँ रहा करते थे ! लेकिन तेज धुप,बारिश ,आंधी से उन्हें बड़ी परेशानी होती थी ! खाने -पीने के लिए भी कुछ ढंग का नहीं मिल पाता था ! 

एक सुबह सबने देखा कि जंगल के बीचोंबीच किसी पेड़ का एक अंकुर उग आया है ! सब उत्सुकतावश उसके चारों तरफ खड़े हो गए ! अचानक उन सबको उस कोंपल में से एक आवाज सुनाई दी --भाइयों,बहनों  ,मुझसे आप सबकी परेशानी देखी  नहीं गई इसीलिए मैं धरती से बाहर आया हूँ ! आप मुझे खाद ,पानी, संरक्षण देना और फिर एक समय बाद मैं बड़ा होकर आप सबको फल,छाँव, लकड़ी ,रहने की जगह दूंगा !

जानवर और पक्षी खुश ! 
सुनहरे भविष्य की आस में वे बड़े जतन से उस पेड़ को बड़ा करने लगे ! यह देख कर और दूसरे कई पेड़ों के अंकुर भी जमीन से बाहर आ गए !
उनका भी वही वादा …… 
जंगलवासी जानवर,पक्षी और खुश कि चलो अब तो इतने सारे सेवादार पेड़ हो गए हैं कि सबको रहने की जगह, लकड़ी, फल ,छाँव सब कुछ मिलेगा ! 
समय गुजरा ,सारे पेड़ बड़े हुए, फलदार भी हुए ,घने भी हुए ,लेकिन विडम्बना यह हुई कि वो जमीन से इतने ऊँचे और घने हो गए कि बेचारे मासूम जानवर उन तक चाह कर भी नहीं पहुँच पाये ! उस पर भी कोढ़ में खाज ये हुई की कुछ गिद्ध,चील ,चमगादड़ जैसे पक्षियों ने उन पर डेरा डाल  लिया ! और गलती से भी अगर कोई जानवर उन पेड़ों के पास आने की कोशिश भी करता तो ये उसे बड़ी बुरी तरह से डरा कर भगा देते !
बेचारे जानवर सालों की तपस्या और इन्तजार के बाद भी वहीं के वहीं ! समय के थपेड़ों से वे सब रूखे व्यवहार वाले ,वहमी ,जल्दबाज हो गए ! समय गुजरता गया !

एक दिन सुबह अचानक सबने देखा कि सालों बाद फिर एक मासूम सा अंकुर जमीन से बाहर आया है ! फिर सब जानवर उसको घेर कर खड़े हो गए !  कुछ आश्चर्य ,खुश गुस्से ,कुछ शक़ ,कुछ हिराकत से वहीँ कुछ आशा भरी नजरों से उसे देखने लगे !उस अंकुर से उन्हें एक आवाज सुनाई दी !  भाइयों ,मैं एक बहुत छोटा सा "आम" के बीज का अंकुर हूँ ! आप लोगों की परेशानी को मैं इतने सालों से जमीन के अंदर से देख रहा था ! बाहर आने की कोशिश भी कर रहा था ! लेकिन इन घने पेड़ों का झुण्ड इतना विशाल हो चूका है ! कि किसी आम से पेड़ को पैदा ही नहीं होने देता ! फिर भी आप सब की पीड़ा और प्रार्थना कि वजह से शायद परमात्मा ने मुझे धरती से बाहर आने का मौका दिया है ! अगर आप मुझे सहयोग,खाद,पानी देंगे तो मैं आपके काम आने की कोशिश करूँगा !

सालों से धोखा खाये ,ठगे गए जानवरों की मिली-जुली प्रतिक्रिया हुई ! कुछ ने कहा --अरे छोड़ो ! ये भी उन घने पेड़ों में से एक ही होगा ,क्या भरोसा !
कुछ ने कहा इसे अभी जमीन से ही उखाड़ दो ताकि एक और घने पर स्वार्थी पेड़ से हमें मुक्ति मिले !
लेकिन कुछ बुजुर्ग जानवरों ने कहा कि नहीं ,इसे भी एक मौका दो ,समय दो , क्या पता ये अपने वचन का पक्का हो ! वैसे भी अभी तो इसकी आँखों में हमें सच्चाई और मासूमियत दिख रही है !
बाकी जानवरों ने उसे एक मौका देना स्वीकार कर लिया !

विडम्बना अब शुरू होती है ! अभी उस छोटे से आम के अंकुर को जमीन से बाहर आये 5-7 दिन ही हुए थे ,2-4 नए पत्ते ही उसमे और खिले थे ! कि एक दिन सुबह  जैसे ही उसने आँखें खोलीं ,देखा कि लोमड़ी ,लकड़बग्गा ,कौआ,सियार ,गीदड़ आदि जानवर उसे घेर कर खड़े हैं ! उसकी आँख खुलते ही सवालों की बौछार उस पर होने लगी !
हमने तुम्हारा वजूद स्वीकार किया ,अब बताओ --
फल कब दोगे ?
छाँव कब दोगे ?
लकड़ी कब दोगे ?
हम तुम पर अपने घोंसले कब बनाएंगे ?
कब? कब ? कब ?

नेपथ्य से यह सब देख रहे बूढ़े हाथी ने ठंडी सांस भर कर कहा ,प्रभु ,क्या विडम्बना है ! जो पेड़ फलों से लड़े पड़े हैं ,घने हैं ,टनो-टन लकड़ी वाले हैं ! उनसे पूछने की किसी की हिम्मत नहीं है !और यह बेचारा 5-6 दिन का पौधा ,इनके सवालों और आकांक्षाओं के बोझ तले दब कर कहीं समय के पहले दम न तोड़ दे !
क्या विडम्बना है !

डॉ नीरज यादव 
बारां 

शनिवार, 4 जनवरी 2014

How to Make New Year's targets Plan? in hindi




कैसे बनाएं नए साल की  लक्ष्य योजना ?

दोस्तों,

 बधाई ,बहुत बधाई  आपको .....


किस बात की ?
अरे, उस परमात्मा,ईश्वर ,खुदा ने आपको हजार-हजार के 365 कड़क नोट दिए हैं ,नए साल में खर्च करने के लिए ,पता है ना ,इसीलिए बधाई 

लेकिन उसकी एक छोटी सी शर्त है ,कि आप एक दिन में एक नोट ही खर्च करेंगे,काम लेंगे ! और हर दिन के साथ एक नोट आपकी तिजोरी से अपने आप कम होता जाएगा ,काम ले लें तो अच्छा वरना अपने आप lapse हो जाएगा !
अब ये हमारे ऊपर है की हम चाहें तो हजार के इस नोट को invest कर के उसे लाख में बदल लें ,या यूँ ही गायब हो जाने दें !
क्या सोचा है आपने ?
काम लेंगे ना ,ज्यादा से ज्यादा नोट काम लेंगे !
अच्छी बात है ,बधाई...
 
लेकिन दोस्तों ,सिर्फ सोचने मात्र से नोट खर्च नहीं होंगे ,मेहनत करनी पड़ेगी ,काम करना पड़ेगा ,इन्हें खर्च करने और लाभ लेने के लिए !

तो  उठाइये कागज़,कलम और बनाइये plan इन रुपयों (दिनों) को सही तरीके से खर्च करने का !

इस नए साल की शुरुआत थोड़े आत्म-चिंतन के साथ ,ठीक है ना ?
ये आधे-एक घण्टे का workout हमारे पूरे साल की दिशा तय कर देगा !
तो तैयार हैं आप ?
चलिए ,शुरू करते हैं...
 
एक कॉपी-पेन या notebook लीजिये ! घर में या जहाँ भी आप चाहें ,शान्त होकर एक जगह बेठिये ! कोई शोर नहीं ,disturbance नहीं ,no mobile,net etc. nothing
शान्ति से बेठिये ,थोड़ी गहरी सांसें लीजिये ,मन को शांत कीजिये ,relex .... 
दोस्तों ,आपने गए साल (2013 ) के लिए भी कुछ target बनाये ही होंगे ,है ना ?
एक निवेदन इस exercise को आप पूरी ईमानदारी ,निष्ठा और सब्र से कीजिएगा ! आखिर आने वाले साल का पूरा master plan जो बनाने जा रहे हैं आप 

अपनी notebook के पहले page पर लिखिए ---
2013 के मेरे target थे --
1. 
2. 
पूरी ईमानदारी से उन्हें कागज़ पर लिख लीजिये !

पूरे हुए target ---
1. ------------                     बधाई 
2. ------------                     बधाई 
अपने आप को शाबाशी दीजिये ,दिल से 

वो target जो पूरे नहीं हो पाये ---
target                    पूरा न होने का कारण 
1.                                ----------कारण 
2.                                ----------कारण 

वो कारण जिस वजह से वो लक्ष्य पूरे नहीं हो पाये ,कुछ मैं बता देता हूँ (क्योंकि इनमे से कुछ मुझ पर भी लागू हुए हैं  )
आलस , लापरवाही , कल कर लेंगे , अभी तो बहुत समय है , work load , health issue , समय की कमी , भूल गए ……… 

है ना ? पूरी ईमानदारी से अपनी कमियों को, उन कारणो को लिख लीजिये ,कि कहाँ कमी रही हमारे अंदर !

चलिए आगे चलते हैं !

अगला page खोलिए ,लिखिए --

नए साल (2014) के target ----
1. old remaining--वो जो पिछले साल के बकाया रह गए 
2. new targets--जिन्हें इस साल में पाना है

targets एक साल के हिसाब से ही बनाएं, practical,achievable but slightly tough

एक साहब ने new year resolution लिया कि मैं नए साल में शराब नहीं पियूँगा !
अच्छी बात है... 
किसी ने पूछा ,वैसे,  क्या अभी बहुत ज्यादा पीते हैं ?
अरे नहीं ,मैंने तो आज तक शराब चखी भी नहीं है ! इसलिए संकल्प भी पूरा और कोई headache भी नहीं …… 

दोस्तों, ये भुलावा है ,छलावा है अपने आप से 
हम संकल्प वो ही लें जो हम नहीं हैं ,पर होना चाहते हैं ! गलत है तो छोड़ना चाहते हैं !
ऐसे सरल लक्ष्य और संकल्प लेकर हम किस को धोखा देंगे ? अपने आप को ही ना.. 

target तो बन गए ! अब उनको पूरा करने का सही systematic plan  भी कागज़ के अगले page पर बना लीजिये , points में
 
कब कोनसा target achieve करना है इसे भी लिख लीजिये (timing )

अब notebook के next page को 2 हिस्सों में divide कीजिये --
एक side पर लिखिए ----
 
My qualities ( मेरी खूबियाँ ---बहुत होंगी , दिल से ढूंढिएगा   )

दूसरी side पर लिखिए ---

My weaknesses (मेरी कमजोरियां )

पूरी ईमानदारी से अपनी अच्छाइयों और कमियों को लिख लीजिये !

अब अपनी qualities , अपनी खूबियों वाला page पढ़िए , भगवान् को , ईश्वर को धन्यवाद दीजिये ,प्रभु आपने इतनी अच्छाइयाँ इतनी अच्छी qualities मुझे दी हैं ,आपको अनेक धन्यवाद ,दिल से 
अपने कमजोरियों वाले page को भी पढ़िए ! फिर उसके बगल में लिखिए कि मैं इन्हें कैसे दूर कर सकता हूँ ! बाकायदा उसका तरीका लिखिए और हाँ उसकी समय-सीमा भी 
किसी target या काम को समय-सीमा में बांधना ,किसी घोड़े को नकेल डालने जैसा है !

for ex.  
कमी ---
1. देर से उठना 
2. TV ज्यादा देखना 

उपाय no. 1. मैं संकल्प करता हूँ कि 05/01/2014 से मैं सुबह 5 :30  बजे उठूंगा ! इसके लिए रात में 10 बजे तक जरुर सो जाऊँगा !
इसी तरह सारी  कमियां और उनका निराकरण लिख लीजिये !

अब इस notebook के main targets को एक page पर मोटे font में लिख कर mirror या  bedroom में लगा लीजिये !
क्योंकि जो दिखता है वही टिकता है !
कहा भी है --out of sight ,out of mind 

बस ,अपने ईष्ट को हाजिर-नाजिर जान अपना यह plan बनाइये ! प्रार्थना कीजिये कि वो आपके अच्छे काम और लक्ष्य को पूरा करने में आपकी मदद करे !

और फिर बस जुट जाइये ,अपने लक्ष्य पाने…… 
आखिर.... अनंत आकाश आपका इन्तजार कर रहा है !

डॉ नीरज यादव ,बारां 

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