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शुक्रवार, 15 नवंबर 2013

Do Yoga, but carefully in hindi-part 2







योग करें ,पर सावधानी से.… 2 


दोस्तों ,पिछले article में हमने योग से जुडी कुछ सावधानियों के  बारे में जाना ,आइये थोड़ी और सावधानियों कि बात करते हैं -----

  • अगर पार्क या छत पर योग कर  रहे हैं तो हवा सीधी शरीर पर ना लगे ,तेज हवा में भी योग न करें !

  • दो आसनों के बीच 10 से 20 sec. का gap रखें, जिससे कि किये गए आसन का प्रभाव शरीर और मन पर हो सके !

  • प्राणायाम शुरू करते समय एकदम कपालभाति और भस्त्रिका करना शुरू न करें !

  • प्राणायाम एक जंगली हाथी कि तरह है अगर साध लिया तो आपका पालतू बन आपके अनगिनत काम कर देगा और बेकाबू हो गया तो महावत को ही मार डालेगा !

  • चाहे आसन हों या प्राणायाम ,सहज रूप से क्षमतानुसार ही करें ! झटके से ,जोर लगा कर ,जबरदस्ती से न करें ! शरीर को नुक्सान हो सकता है !

  • आसन,प्राणायाम करने के बाद 5 मिनट ही सही पर शवासन (relaxation) जरुर करें ! शरीर और मन के बढे हुये ताप को सहज अवस्था में आने दें !

  • एक  ख़ास बात ,अगर आप प्राणायाम का अभ्यास कर रहे हैं तो आपको दही खाना बंद कर देना चाहिए !

  • सरल आसनों से शुरू करके धीरे धीरे कठिन आसनो कि ओर बढ़ना चाहिए !

  • कुछ आसन सारे शरीर पर प्रभाव डालते हैं ,जबकि कुछ अंग विशेष के लिए लाभकारी होते हैं ,इसकी भी जानकारी हमें होनी चाहिए !

  • सप्ताह में कम से कम एक बार तिल या सरसों के तैल से शरीर कि मालिश जरुर करनी चाहिए ,ताकि शरीर में लोच (flexibility)पैदा हो !

  • सुबह का शांत,ऑक्सीजन से भरपूर  वातावरण , ब्रह्म मुहूर्त ,उगते सूर्य का दर्शन और रात कि भरपूर  नींद से उठा हमारा चेतन्य शरीर योग करने के लिए श्रेष्ठ है !

  • लेकिन अगर किसी कारणवश सुबह योग नहीं कर सकते तो कोई बात नहीं ,शाम को कीजिये ,पर lunch या कुछ खाने के 4 घंटे बाद !

  • नियमितता भी जरुरी है ! 2 दिन योग किया फिर 10 दिन आराम ,फिर 2-4 दिन योग किया फिर 8-10 दिन का gap . अगर आप इस तरह योग करने के आदी हैं तो योग ना ही करे तो बेहतर ,क्योंकि इस तरीके से किया गया योग फायदे कि जगह नुक्सान ज्यादा दे सकता है !

  • योग ठोस धरातल या हरी घास पर ही करें !

  • योग के लिए योग चटाई ,एक नेपकिन ,पानी की  बोतल और साथ में कोई meditation music हो तो कहना ही क्या ,music earphone से नहीं सुनना है ,यह ध्यान रखें !

  • नेपकिन पसीना और नाक पोंछने के लिए use करें ! और योग के बीच में घूँट दो घूँट पानी पीने के लिए ,ना कि बोतल भर एक साथ पियें !

  • कुछ आसन  होते हैं जो रोग विशेष में नहीं किये जाते ! for ex.  highBP , heart diseases, spondylitis आदि में शीर्षासन ,हलासन ,सर्वांगासन ,तीव्र कपालभाति ,अंतरकुम्भक नहीं करते हैं !इन बातों का भी ध्यान रखें !

  • आगे झुकने वाले आसनो के पश्चात पीछे झुकने वाले आसनो का क्रम रखें !

इन सब बातों को पढ़ कर अब आप कहेंगे कि जब इतनी सारी  बातें ध्यान रखनी हैं,ऐसे करना है वैसे नहीं करना ,इतने प्रपंचों में कौन पड़े ! इससे तो अच्छा है कि योग करे ही नहीं ! खायें पीयें मस्त रहे , है ना ?

लेकिन दोस्तों यह तो वही बात हुई कि खाने के लिए कौन बाजार से सब्जी लाये,काटे ,छोंके ,गैस चालू करे , कढ़ाई रखे , नमक के अनुपात का ध्यान रखे ! इससे तो अच्छा है कि खाना ही नहीं खाया जाए !
लेकिन ऐसा नहीं होता ! हम बहुत रच-पच कर खाना बनाते हैं ! खाना खाना नहीं छोड़ते तो फिर योग करना क्यों छोड़ें ?

सावधानी से करें, समझ कर करें ,सहजता से करें ,पर करें जरुर योग ! कहा भी है ----

"करें योग ,रहे निरोग "     



डॉ नीरज यादव 


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