ये मुहाँसे ....
(दोस्तों इस article
में मेरी कोशिश है की बजाये मुहांसों के
लिए 2-4 temporary
face-pack या लेप बताने की जगह हम उन कारणों
पर बात करें जिनसे मुहांसे होते हैं और अगर हम उन कारणों को ही दूर कर लेंगे तो
कार्य (मुहांसे ) भी अपने आप ही दूर हो जाएंगे , तो आइये ........)
मुहाँसे ,acne,pimple,युवान-पीडिका
,मुख-दूषिका बहुत सारे नाम हैं मुहाँसों के !
युवाओं में ,teenagers में ज्यादा होने के कारण युवान पीडिका ,मुख (face
) पर होने और उसे खराब करने के कारण मुख-दूषिका भी कहते हैं !
चाँद जैसे सुन्दर चेहरे पर
मुहांसे दाग की तरह होते हैं जो चेहरे की सुन्दरता को कम कर देते हैं !
दूसरा ये अधिकतर teenagers में होते हैं ,ये वो उम्र होती है जब teens
अपने look के प्रति
बहुत conscious होते हैं ! चेहरे पर एक जरा सी फुंसी या दाग या मुंहासा उनकी रातों की नींद और दिन का चैन हराम कर
देता है !
पूछ कर देखिये किसी ऐसे teen से जिसका face
मुहांसों से भरा हो ! उसकी सारी दुनिया ही उन pimples के आस-पास
आकर सिमट जाती है ,फिर न खाने में मन लगता है न पढने में दीदा और दोस्तों से मिलने में भी शर्म
आती है ! और अगर दोस्त opposite
sex का हो तो फिर तो शर्म के मारे डूब
जाने को जी चाहता
है ,है ना ?
फिर एसे में तरह तरह के जतन किये
जाते हैं ! आपका चेहरा ,फिर चेहरा कम laboratory ज्यादा हो
जाता है तरह-तरह के लेप लगाये जाते हैं , तरह-तरह के facewash अपनाये जाते हैं , tubes लगाई जाती
हैं ! मन्नत भी मांगी जाती है ! हर आदमी की छोटी से छोटी सलाह भी पूरी शिद्दत से अपनाई जाती है !
लेकिन इतना सब करने के बाद भी
आपका pimple या pimples
बजाय कम होने के देश के भ्रष्टाचार की
तरह और बढ़ता जाता है ! आप फिर मानसिक रूप से और त्रस्त ,tension
में आ जाते हैं ! और ऐसे में ही कुछ teens shy हो जाते हैं ,introvert हो जाते
हैं ,दूसरों से मिलने से कतराते हैं ,है ना ?
एक छोटा सा मुहांसा या चेहरे की
फुंसी उनके पूरे व्यक्तित्व पर हावी हो जाता है , उनके वजूद
को हिला देता है, है ना ?
अगर आप teenager हैं, इस problem
से ग्रस्त हैं और इसे जड़ से ही सही करना चाहते हैं तो आगे की बात ध्यान से पढ़िए और अमल भी
कीजिये ,ठीक है !
अब as a doctor आयुर्वेद की भाषा में यदि मैं कहूँ
तो मुहांसे कफ धातु और रक्त धातु की खराबी से होते है ! हमारी skin में असंख्य छिद्र होते हैं जिनसे होकर पसीने के रूप में शरीर की गन्दगी बाहर निकलती है ! हमारे शरीर
से गन्दगी को बाहर निकालने के मुख्य मार्ग ,या जिस रूप में शरीर से गन्दगी
बाहर निकलती है ,वो हैं --मल,मूत्र ,श्वास और स्वेद यानी पसीना !
जब तक हमारे शरीर का Excretory system यानी उत्सर्जन तंत्र सही तरीके से काम करता रहता है ( समय से motion आना ,urine
आना ,पसीना आना ) तब तक हम स्वस्थ रहते हैं ,हमारी skin glow करती है !
लेकिन जब किसी कारणवश (वो में आगे
बताने वाला हूँ ) उत्सर्जन तंत्र में अवरोध आ जाता है ,समय से motion
नहीं आता ,कब्ज रहती है ,face साफ़ नहीं रहता तो शरीर की दोष रुपी गन्दगी बाहर निकलने का कोई दूसरा
रास्ता ढूंढ़ती है और यहीं से रोग की
शुरुवात होती है !
जब त्वचा के रोमछिद्रों से निकलने
वाले दोष किसी कारणवश नहीं निकल पाते ,उसी जगह रुक जाते हैं ,तो उन दोषों का ढेर ही फिर रोग का ( यहाँ पर pimpals का ) कारण बनता है !
जिस प्रकार किसी नदी के सहज बहाव
को अगर रोक दें या संकीर्ण कर दें तो पानी इधर -उधर से निकलना शुरू कर देता है , निकलने के नए रास्ते बना लेता है , उसी तरह शरीर के प्राकृतिक natural उत्सर्जन
तंत्र के रस्ते अगर अवरुद्ध हो जाते हैं तो शरीर के दोष भी दूसरे रस्ते से बाहर
निकलने लगते हैं ! और यही बीमारियों के शुरुवात का कारण होता है !
अब ये तो हमने जान लिया कि pimpals कई कारणों से होते हैं , as ..
कफ और रक्त धातु की दुष्टि (खराबी)
से
उत्सर्जन तंत्र की खराबी से ......
अब ,लेकिन ये कफ और रक्त धातु दुष्ट (खराब)
क्यों होते हैं , उत्सर्जन तंत्र में खराबी क्यों आती है , आइये ये भी जानते हैं ...........
pimples होने के मूल कारण ...........
दोस्तों ,आज बस इतना ही ,लेख थोडा लम्बा है ,इसीलिए pimpals
की बाकी बातें अगले article में ........
डॉ नीरज यादव
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