may14

गुरुवार, 13 जून 2013

If sex can then why not donate blood in hindi



           अगर sex कर सकते हैं तो रक्तदान क्यों नहीं ?

दोस्तों,

दुनिया में कई तरह के दान दिए जाते हैं लेकिन जो महत्ता और कीमत रक्तदान की है वो और किसी दान की नहीं है ! आपने रक्तदान के ऊपर कई लेख पढ़े होंगे ,उनसे motivate भी हुए होंगे ! लेकिन फिर भी कुछ है जो हमें इस परोपकार के कार्य को करने से रोकता है ! आज में कोशिश करूँगा की उसी बात पर हम चर्चा करें ! 

दोस्तों 14 जून --विश्व रक्तदान दिवस है !

रक्त यानी जीवन का आधार ! रक्त वो पदार्थ है जो अभी तक किसी भी प्रयोगशाला में नहीं बन पाया है ,देश और दुनिया में असंख्य लोग समय से  खून नहीं मिलने के कारण असमय काल कलवित हो जाते हैं !

किसी इंसान को खून की जरुरत कब पड़ती है ---

  • किसी आकस्मिक दुर्घटना में बहुत खून बह जाने पर 
  • किसी opration के समय 
  • महिला की delivery के समय जरुरत होने पर 
  • थेलेसिमिया से पीड़ित बच्चों को 
  • bleeding piles या mensus के समय अत्यधिक रक्तस्राव होने पर 
  • शरीर में खून की कमी होने पर 
एसे और भी कई कारण हैं जिनमे शरीर को तत्काल रक्त की जरुरत पड़ती है !

चलिए अब थोड़ी सी जानकारी और फायदे ,रक्तदान के बारे मे ---
  • रक्तदान (male,female ) दोनों कर सकते हैं !
  • रक्तदान adult व्यक्ति का ही लिया जाता है !
  • एक बार में आपका केवल 350-390ml blood ही लिया जाता है !
  • आप साल में 2,3 बार रक्तदान कर सकते हैं !
  • आपका एक यूनिट रक्तदान 3 जिंदगियां बचा सकता है !
  • रक्तदान करने से रक्तजनित बिमारियों से बहुत हद तक बचा जा सकता है !
  • रक्तदान हृदय रोग की सम्भावना को भी कम करता है !
  • आयुर्वेद के अनुसार रक्तदान दूषित रक्त धातु को शुद्ध करता है !
  • आपके मन,आत्मा को एक गहन शांति और तसल्ली का अनुभव होता है !
दोस्तों मैं पिछले 11-12 साल से स्वेच्छिक रक्तदान करता हूँ ! साल में 2 बार (जून और दिसम्बर में ) करता हूँ ! और सच मानिए बड़ा अच्छा लगता है की चलिए हम किसी इंसान का जीवन बचाने का माध्यम तो बने !

दोस्तों रक्तदान के और भी कई फायदे हैं जिन्हें लिखने पर लेख और लम्बा हो जाएगा ,इसलिए अब सबसे बड़ा सवाल कि ऊपर के सारे फायदे जानने के बाद भी वो क्या कारण है की लोग रक्तदान नहीं करते ?

दोस्तों, वो कारण है --- डर 

डर सुई लगने का नहीं क्योंकि सुई तो जिंदगी में हमें कई बार लगती है ! है ना 

वो डर है कमजोरी का डर, घबराहट का डर !
लोग कहते हैं की खून दे तो दें पर सुना है की उसके बाद कमजोरी आती है ,शरीर कमजोर हो जाता है ,चक्कर आते हैं ,इसीलिए हम चाह कर भी खून नहीं देते हैं ,सही है ना ?

दोस्तों आज मैं एक बात कहना चाहता हूँ ,वो यह कि ---

अगर आप sex कर सकते हैं तो रक्तदान भी कर सकते हैं !
आपको ये लाइन अजीब लगी होगी कि रक्तदान के artical में ये sex की क्या बात !

रक्तदान अधिकतर adult व्यक्ति (20-60 साल ) ही करता है और यदि कोई व्यस्क sex कर सकता है तो स्वेच्छिक  रक्तदान भी कर सकता है !
थोडा विस्तार में बताता हूँ ,sex के तुरंत बाद (after Ejaculation) हर व्यक्ति को थोड़ी कमजोरी का अहसास होता है ,क्योंकि शरीर से semen के रूप में प्रोटीन आदि कई पदार्थ बाहर निकलते हैं ,आदमी थोड़ी देर के लिए थोडा निढाल सा हो जाता है ,थोड़ी थकान सी महसूस करता है ,लेकिन इस कमजोरी ,थकान (क्षणिक ) के बाबजूद वो sex करना नहीं छोड़ता !

दोस्तों जितनी कमजोरी sex के बाद आती है उससे कहीं कम ही कमजोरी रक्तदान  के बाद आती है ! और दोनों क्रियाओं (sex और रक्तदान  ) के बाद आप दूध ,juice आदि पीकर अपने को पुनः energetic कर लेते हैं !

sex जहाँ आपके शरीर को तृप्ति देता है वहीँ रक्तदान  आपकी आत्मा को तृप्ति का अहसास कराता है !
sex के उपरान्त आपको जहाँ थोड़ी ग्लानी का अनुभव (सम्भोग-वैराग्य ) होता है  वहीँ रक्तदान  के बाद आपको एक असीम ख़ुशी और तसल्ली का अनुभव होता है !

तो दोस्तों अगर sex कर सकते हैं तो रक्तदान  भी कर ही सकते हैं ! रक्तदान  कर के तो देखिये ,अच्छा लगता है .........


डॉ नीरज .

एक निवेदन --दोस्तों ये मेरा एक छोटा सा प्रयास है रक्तदान जैसे पुनीत कार्य के बारे में फेली भ्रांतियों को दूर करने का ,इसे उसी परिपेक्ष्य में पढ़ा जाए !



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