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शुक्रवार, 15 मार्च 2013

प्रभावी नेतृत्व के 16 गुण -




                  प्रभावी नेतृत्व के 16 गुण --------




दोस्तों,

नेतृत्व करना एक ख़ास कला है ,जो सामान्य व्यक्तित्व के अन्दर नहीं होती ! श्रेष्ठतम लीडर वही बन पाता है ,जो लोगों के दिलों पर राज करता है ! और जिसकी personality को हर कोई स्वीकारता है ! ऐसे व्यक्ति के साथ काम करने वाले लोग अपना सब कुछ उस पर निछावर करने के लिए तत्पर होते हैं ! 
आइये जानते हैं उन 16 गुणों को ,जो effective leadership के लिए आवश्यक हैं ----

  • अनुशासन प्रिय होना ---- एक नेतृत्व कर्ता को स्वयं अनुशासित जीवन जीना चाहिए ! और समय पर हर काम को पूरा करना चाहिए ! ऐसा होने पर ही उसके Subordinate और colleague अनुशासित रहेंगे और अपने निर्धारित कार्यों को समय पर पूरा करने का प्रयास करेंगे !


  • श्रमशीलता --- जो व्यक्ति श्रम को ही पूजा मानते हैं तथा अपेक्षा से अधिक काम करने की चाहत व क्षमता रखते हैं ,वे ही अपने सहकर्मियों को और अधिक अच्छा करने की प्रेरणा दे सकते  हैं !

  • उत्तरदायी होना ---व्यक्ति को अपने कार्यों के प्रति जिम्मेदार या उत्तरदायी होने के साथ -साथ अपने अंतर्गत काम करने वालों की गलतियों व असफलताओं के दायित्व को स्वीकार करने का साहस भी होना चाहिए ! ऐसा किये बिना उनके विश्वास को नहीं जीता जा सकता !

  • वस्तुनिष्ठ व्यवहार ---सफल नेतृत्व कर्ता के व्यवहार में निष्पक्षता एवं सोच में वस्तुनिष्ठता का गुण होना चाहिए !  इसके लिए Personal relationships को professional relationships से बिलकुल अलग रखा जाना चाहिए !

  • साहस ---नेतृत्वकर्ता को साहस का परिचय देते हुए चुनौतियों को स्वीकार करना चाहिए और अपना पुरुषार्थ करना चाहिए ! जो व्यक्ति आत्मविश्वास से भरपूर और निर्भय नहीं होते हैं ,उनके नेतृत्व को बार-बार चुनोतियाँ मिलती रहती हैं और ऐसे व्यक्ति के नेतृत्व को उसके सहकर्मी लम्बे समय तक स्वीकार नहीं कर पाते !


  • स्वनियंत्रण ---नेतृत्व कर्ता को अपनी वाणी एवं व्यवहार ,अपने नियंत्रण में रखना आना चाहिए ! क्योंकि  नेतृत्व कर्ता के मर्यादाहीन व्यवहार से उसके नियंत्रण में काम करने वाले लोग भी मनमानी करने लगते हैं !

  • सही निर्णय लेने की क्षमता ---जो व्यक्ति अपने निर्णयों को बार-बार बदलता है , उसकी निष्पक्षता और बुद्धिमत्ता संदिग्ध रहती है ! इसीलिए नेतृत्व कर्ता को ठीक से सोच विचार कर दूरदर्शिता के साथ सही  निर्णय लेना आना चाहिए !

  • स्पष्ट योजना ---एक सफल नेतृत्व कर्ता केवल अनुमान के आधार पर कोई कार्य नहीं कर सकता !  उसे कार्य की योजना बनाना और योजनानुसार कार्य करना आना चाहिए !

  • सहानुभूतिपूर्ण सोच ---एक नेतृत्व कर्ता को सकारात्मक और सहानुभूतिपूर्ण सोच वाला होना चाहिए ! साथ वालों का बुरा न हो और  यथा संभव भला हो ,ऐसे व्यवहार से ही दूसरों का दिल जीता जा सकता है !

  • शालीन व्यवहार ---कहते हैं ,व्यक्ति वाणी से ही दोस्त और दुश्मन बनाता है !  वाणी में मिठास और व्यवहार में शालीनता व्यक्ति को समूह में स्वीकृति दिलवाती हैं ,जो नेतृत्व की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं !

  • सहकारिता की प्रवृति ---नेतृत्व कर्ता अपने हर काम को सहकार अर्थात एक सबके लिए ,सब एक के लिए  की भावना से करता है ! वो अपने समूह की सफलता में ही अपनी सफलता देखता है !


  • अहम् से दूरी ---नेतृत्व कर्ता में अपनी कमजोरियों या गुणों के सम्बन्ध में किसी प्रकार की ग्रंथि नहीं होनी चाहिए ! उसे अपने अहम् को दूर रख यथार्थ को स्वीकार करने का साहस दिखाना चाहिए !

  • संस्थान के लिए समर्पण भावना ---जो अधिकारी अपने संस्थान के हितों के प्रति समर्पित नहीं होता ,  उसे अपने अधीनस्थों से भी ऐसी आशा नहीं रखनी चाहिए !

  • जानकारी की पूर्णता ---नेतृत्व कर्ता को अपने संस्थान के प्रत्येक कार्य की थोड़ी या अधिक जानकारी अनिवार्य रूप से होनी चाहिए ! इसके अभाव में उसको सहायकों द्वारा मुर्ख बनाये जाने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं !

  • संपर्कों से सुद्रढ़ता ---नेतृत्व कर्ता का व्यावसायिक और गैर व्यावसायिक क्षेत्रों से भी संपर्क होना चाहिए और उनकी जरुरत के समय यथा संभव सहयोग भी करना चाहिए ! इससे उसे भी अन्य लोगों का सहयोग मिलेगा !

  • अनोपचारिक सम्बन्ध ---नेतृत्व कर्ता को अपने सम्बन्ध को प्रगाढ़ करने के लिए अपने साथियों की खुशियों में उत्सव मनाने और विपत्ति के समय सहानुभूति व्यक्त करने से संबंधों में प्रगाढ़ता बढती है !

नेतृत्व कुशलता एक ऐसी कला है ,जिसके माध्यम से बहुत आसानी से बड़े-बड़े असंभव कार्यों को भी सरलता के साथ किया जा सकता है !  बिना मार्गदर्शन के आगे बढ़ने में भटकाव ही होता है ! और किसी भी तरह की सफलता प्राप्त नहीं होती है ! बिना नेतृत्व के इकठ्ठा हुयी भीड़ से कुछ ख़ास कार्य नहीं कराया जा सकता , वहीं सही नेतृत्व से सेना की एक छोटी सी टुकड़ी के द्वारा भी युद्ध जीता जा सकता है !


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दोस्तों ये article पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के ज्ञान के सागर की कुछ बूंदे हैं ,जो जीवन में प्रभावी नेतृत्व के गुणों को हमें बताती हैं !

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