कठिन परिस्थितियों से जूझते हुए भारत के माने हुए इंजीनियर बनने में सफल हुए विश्वेश्वरेया ने अपनी आत्म-कथा में उन सिद्धांतों पर प्रकाश डाला है ,जिनके कारण वे प्रगति और उन्नति के पथ पर अग्रसर हो सके !
Biography & Autobiography--Memoirs of my working life
वे लिखते हैं -------- मैंने 4 सिद्धांतों को आदि से अंत तक अपनाये रखा ! जो मेरी तरह ही सफल जीवन जीना चाहते हैं , उनसे मैं इन 4 सिद्धांतों को जीवन में अपनाने का अनुरोध करता हूँ !
वे सिद्धांत हैं ------
- लगन से काम करो ! मेहनत से जी न चुराओ ! आराम कड़ी मेहनत के बाद ही अच्छा लगता है !
- निर्धारित कामों का समय नियत करो ! समय पर काम करने की आदत डालने से काम अधिक भी होता है और अच्छा भी !
- यह सोचते रहो की आज की अपेक्षा कल किस तरह अधिक अच्छा काम हो ! जो सीख चुके हो ,उससे अधिक सीखने का प्रयत्न करो ! सोचो,योजना बनाओ ,गुण-दोषों पर गंभीरतापूर्वक विचार करने के बाद ही काम में हाथ डालो !
- अहंकारी न बनो ! नम्रता का स्वभाव बनाओ ! साथियों के साथ मिल-जुल कर काम करने की आदत डालो !
इसके विपरीत येन-केन-प्रकरेण सफलता पा लेने वालों को तो एक दिन अपमान,असंतोष और असफलता का ही मुँह देखना पड़ता है !
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