may14

शनिवार, 19 जनवरी 2013

मन के हारे हार है मन के जीते जीत...





                मन के हारे हार है मन के जीते जीत


दोस्तों ,

बहुत दिनों से आप अपने आपको थका  हुआ और कमजोर महसूस कर रहे हैं  ! मन में भी नकारात्मक भाव आ रहे हैं ,कोई उमंग महसूस नहीं हो रही है ! जिंदगी बोझिल सी हो रही है ! ऐसे में आप किसी डॉक्टर के पास जाते हैं ! वो आपकी पूरी जांच करने के बाद गंभीर स्वर में आपसे कहता है ,--'माफ़ कीजिएगा ! लेकिन आपकी reports देख कर मुझे लगता है की अगले एक साल में आपको diabetes और heart problem होने वाली है ,थोडा अपना ध्यान रखिए !

आप ये सुन कर shocked हो जाते हैं ! लेकिन अब इसके बाद जो आपकी प्रतिक्रिया होती है ,वो महत्वपूर्ण है !

इस खबर को सुनने के बाद आप दो तरह से प्रतिक्रिया कर सकते हैं !

पहला , ये सुनते ही आपका मन कहता है ,देखा  , में तो पहले ही कह रहा था कुछ तो गड़बड़ है ! तुम बीमार होने वाले हो ! आप तुरंत doctor के prediction के आगे हथियार डाल  देते हैं ! आपकी नकारात्मक सोच आपकी उम्र को 10 साल आगे की स्थिति में पहुंचा देती है ! 

आप हताश और निराश से कुर्सी से उठते हैं ! किसी पराजित आदमी की तरह अपने कंधे झुका कर clinic से बाहर निकलते हैं ! घर आकर चुपचाप या तो बिस्तर या TV के आगे बेठ  जाते हैं !

आपके मन में ये prediction मजबूती से बेठ  गई है की ये तो होना ही है तो क्यों मैं सुबह जल्दी उठूं ,व्यायाम करूँ ,सही आहार लूँ ,मेहनत करूँ ! ये विचार आपके मनोमस्तिक्ष पर इतनी बुरी तरह हावी हो जाते हैं की सोते ,जागते खाते ,पीते आप बस ये ही सोचते रहते हैं की अब तो मुझे diabetes और heart problem होने वाली है आखिर अब तो doctor ने भी ये कह दिया है !

आप निरुत्साहित से अपने काम करते हैं ! चिंता में TV के सामने बेठ  कुछ ना कुछ खाते रहते हैं ! आप अपनी चिंता को खाने की आड़ में दबाने की कोशिश करते हैं ! फिर ऐसे ही हताशा ,निराशा और आलस से भरी आपकी दिनचर्या हो जाती है !

फिर एक दिन अचानक आपकी तबियत ज्यादा  खराब हो जाती है ! आप डॉक्टर के यहाँ जाते हैं ! आपका सारा checkup करने के बाद doctor बड़े ही निराशा भरे स्वर में कहता है  ,-- 'मुझे अफ़सोस है ! लेकिन मैं आपको ये बताना चाहता हूँ की आपको high BP ,diabetes और heart problem हो चुका है ! अगर अब भी आप अपना अच्छे से ख्याल नहीं रखेंगे तो गाडी ज्यादा देर और दूर तक नहीं चल पाएगी !   आप shocked से सामने दिवार पर लगा कैलेंडर देखते हैं ! अरे अभी तो केवल 5 महीने ही गुजरे हैं ,डॉक्टर ने तो 1 साल की कहा था ! आपकी सोच और मन की हार ने उस भविष्यवाणी को समय से पहले ही सच साबित कर दिया ! आप फिर पहले से भी ज्यादा हताश ,निराश और झुके हुए कन्धों के साथ clinic से बाहर निकलते हैं ! और ये कहानी दोस्तों फिर ज्यादा लम्बी नहीं चलती है ........!

वहीं दूसरी तरफ doctor के ये कहते ही , की अगले एक साल में आपको diabetes और heart problem होने वाली है , आपको आपकी अंतरात्मा को एक झटका सा लगता है !  आप इस बात को एक चुनोती की तरह लेते हैं ! तुरंत आपका मन और आत्मबल एक निर्णय लेते हैं ,की अरे ये सिर्फ एक prediction  ही तो है ,हकीकत नहीं है ,और मैं इसे हकीकत बनने भी नहीं दूंगा ! आप मन ही मन संकल्पित होते हैं ,अपनी पिछली जिंदगी की कमियों ,लापरवाहियों और आलस पर एक नजर डालते हैं और तुरंत निर्णय लेते हैं ,बस अब और नहीं ! अब मेरी जिंदगी ,मेरी सेहत मेरे हाथ में है ! आपकी सोच पूरा u -turn ले लेती है ! आप ये ठान लेते हैं की आज से बल्कि अभी से मैं अपने आप को ,अपनी आदतों को बदल दूंगा ! इस prediction को मैं झूठा साबित कर के रहूँगा ! आप एक संकल्प और मन के विश्वास के साथ कुर्सी से उठते हैं और clinic से बाहर निकलते हैं !

आप अपनी दिनचर्या को पूरी तरह से बदल देते हैं ! जल्दी उठना ,व्यायाम ,सही आहार ,सकारात्मक सोच ,श्रद्धा ,आशावादिता ,उमंग ,उत्साह और पर्याप्त मेहनत  को अपने जीवन का अभिन्न अंग बना लेते हैं ! कुछ दिनों के बाद जब मन में निराशा के भाव आने लगते हैं ,आलस पुनः आप पर हावी होना चाहता है ! तो डॉक्टर की भविष्यवाणी को याद कर आप अपनी हताशा को पीछे धकेल देते हैं ! 
आपका ये संकल्प की इस prediction को मैं सही साबित नहीं होने दूंगा ,आप को वापस अपने सेहत के रास्ते पर अग्रसर कर देता है ! 

फिर आप कई साल बाद ऐसे ही अपने routine checkup के लिए डॉक्टर के पास जाते हैं ! डॉक्टर बड़ी गर्मजोशी और उमंग से कहता है ,-क्या बात है ! आपने तो अपना कायाकल्प ही कर लिया है ! आप तो पहले से भी ज्यादा सेहतमंद और जवान हो गए हैं ! आप मुस्कुरा कर डॉक्टर से हाथ मिलाते हैं और सीटी बजाते हुए क्लिनिक से बाहर आ जाते हैं ! और ये कहानी बहुत अच्छे तरीके से बहुत लम्बी चलती है !

तो दोस्तों ,कहानी कैसी लगी ? वैसे ये कहानी है ही नहीं ! हकीकत है ! हम लोगों में से 90 से 95 % लोग पहले वाली सोच के होते हैं ,है ना ?  केवल 5 या 10 % लोग ही दूसरे नजरिये वाले होते हैं ! जो अपने पुरुषार्थ ,मनोबल और मेहनत से भविष्यवाणी को भी बदल देते हैं ! आपके मन की  नकारात्मक सोच आपको समय से पहले डूबा भी सकती  हैं और सकारात्मक सोच अनेकों ऊँचाइयों तक उठा भी सकती है ! इसलिए जिंदगी के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण और तदुपरांत सार्थक प्रयत्न आपकी सफल ,सेहत भरी जिंदगी और उज्जवल भविष्य के लिए अति आवश्यक है ! है ना ?

तो मन का कैसा नजरिया रखना चाहेंगे आप ? आखिर ..

जैसा नजरिया है आपका ,वैसी जिंदगी है आपकी ............

डॉ नीरज 

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