may14

मंगलवार, 25 सितंबर 2012

The secret of happy married life



                      सुखी दाम्पत्य जीवन का रहस्य 

एक व्यक्ति संत कबीर के पास पहुंचा और उनसे प्रश्न किया की   -'सुखी दाम्पत्य जीवन का क्या रहस्य है ?'    कबीर बोले -अभी थोड़े समय मे समझाता हूँ !   कुछ समय बाद कबीर ने अपनी पत्नी को आवाज लगाई--'यहाँ बड़ा अँधेरा है ,जरा दीपक तो रख जाओ !   उनकी पत्नी आईं और एक दीपक चोखट पर रख गईं !   उस आदमी को बड़ा आश्चर्य हुआ की दिन के समय मे काफी प्रकाश होते हुए भी कबीर ने पत्नी को बुलाया और वो भी बिना किसी प्रतिवाद के दीपक रख कर चली गईं !   थोड़ी देर बाद पत्नी ने दोनों के लिए भोजन परोसा !  जब दोनों ने खाना आरम्भ किया तो कबीर की पत्नी ने पुछा --;खाने मे कोई कमी तो नहीं है ?    कबीर ने कहा ,  बिलकुल नहीं ,खाना बहुत ही स्वादिष्ठ बना है !    उस आदमी को फिर आश्चर्य हुआ की सब्जी मे नमक कम होते हुए भी कबीर ने भोजन की तारीफ़ की ! 
अब संत कबीर ने उस व्यक्ति को सम्बोधित करते हुए कहा ---अब समझ मे आया की सुखी दाम्पत्य जीवन का क्या रहस्य है ?
वो रहस्य है की हम एक दुसरे के साथ तालमेल बिठाना सीखें !   एक दुसरे की कमियाँ निकाल कर उसको नीचा दिखाने  के बजाए   यदि हम उसके गुणों को सराहें ,  उसकी तारीफ़ करें तो गृहस्थी एक तपोवन बन जाए ! 

सुखी दाम्पत्य जीवन के सूत्र ----
  • एक दुसरे का सम्मान करें ! क्योंकि जो सामने वाले को देंगे वो ही आपको वापस मिलेगा ! 
  • आपस मे विश्वास करना सीखें ! शक की बुनियाद पर सुखी गृहस्थी की इमारत कभी खड़ी नहीं होती !
  • 100% perfect कोई नहीं है ,आप भी नहीं ! इसलिए अपने spouse की कमियों को नजर अंदाज करना सीखें !
  • spouse को अपना quality time दें !      कभी कभी हम अपने काम मे इतने व्यस्त हो जाते हैं की हम अनजाने ही अपने जीवनसाथी को नजरंदाज करने लगते हैं !    उसके हिस्से का समय अपने काम मे खर्च करने लगते हैं !   वो आपसे बात करने के लिए तरस जाते हैं ,धीरे धीरे उनकी ये तड़प आक्रोश मे बदल जाती है !  फिर इसका परिणाम लड़ाई ,बहस के रूप मे सामने आता है ! इसलिए  अपने साथी को समय दें !
  • जब किसी कारण से दूसरा गुस्से मे हो ,बहस के मूड मे हो तो आप वहां से हट जाएँ ,या चुप हो जाएँ ,ये बात कहने मे जितनी आसान है ,अमल करने मे उतनी ही मुश्किल ,है ना ? फिर भी कोशिश करें ,क्योंकि गुस्से की  आग को आग से नहीं बुझाया जा सकता ,उसके लिए सब्र और शांति का पानी जरूरी है ! 
  • सुन्दरता तलाशें लेकिन तन की नहीं ,मन की गुणों की !  क्योंकि आदमी का सम्मान उसके रंगरूप से नहीं उसके गुणों से होता है ! कागज का गुलाब कितना भी सुन्दर हो ,लेकिन भगवान को अर्पित तो असली गुलाब ही होता है !
  • अपने गृहस्थी के पहिये पर जीवनसाथी की प्रशंसा और तारीफ़ की ग्रीस समय समय पर लगाते रहे ताकि गृहस्थी का पहिया बिना आवाज के smoothly चलता रहे !

थियोडोर पारकर ने अपने विवाह केसमय  अपनी पत्नी के साथ अपने सम्बन्ध  स्नेहपूर्ण और दोस्ताना रखने के लिए एक आचार सहिंता बनाई!उसने शादी के  दिन ही अपनी diary मे 10 निश्चय लिख लिए और संकल्प किया की वो दोनों इनका कड़ाई के साथ पालन करेंगे ---

1 .आवश्यक कारण ना हो तो जीवनसाथी की इच्छा का कभी विरोध ना करना !
2 . उसके प्रति अपने सभी कर्तव्यों का उदारता से पालन करना !
3 .  कभी कटु व्यवहार ना करना !
4 . उसके स्वाभिमान को किसी भी प्रकार ठेस नहीं पहुँचाना !
5 .  उस पर कभी हुकुम नहीं चलाना ,आखिर वो आपका जीवनसाथी है   गुलाम नहीं !
6 .  उसकी शारीरिक निर्मलता को प्रोत्साहन देना ! तारीफ़ करना !
7 .  उसके काम मे हाथ बटाना!
8 .  उसके छोटे मोटे दोषों को नजरअंदाज करना !
9 .  उसके प्रति अपने दायित्व और कर्तव्यों का पालन करना !
10 . उसके लिए भी परमात्मा से प्रार्थना करना ! आखिर दो पहिये की गाडी मे दोनों पहियों का सही होना जरूरी है ,है ना ?

और सबसे जरूरी बात ,अपने आपस के झगड़ों मे ,आपस के मतभेदों मे कभी किसी तीसरे को शामिल नहीं करना ,चाहे वो कोई भी हो ,आखिर ये आपके आपस का मामला है ! 
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