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रविवार, 2 सितंबर 2012

जीवन मे सफलता के10 जरूरी नियम---




                जीवन मे सफलता के10 जरूरी  नियम  ---


दोस्तों सफलता संकल्पवानों   के संकल्प मे निवास करती है !  सफलता का मूल मंत्र है आत्मविश्वास  ! आत्मविश्वास उस दूरदर्शिता का दूसरा नाम है जिसके साथ अटल संकल्प और अदम्य साहस जुडा रहता है !   आत्मविश्वास यानी अपने  ऊपर प्रबल आस्था और गहन निष्ठां!  ये  स्वयं में आस्था और निष्ठा ही सफलता का मार्ग दिखाती हैं !  जीवन मे सफलता कैसे मिले ?आत्मबल कैसे बढे ?
आइये देखते हैं वे 10 सूत्र जो जीवन मे आत्मबल बढाने और सफलता पाने के लिए जरूरी हैं --------------

1 . सहजता का नियम (law of SIMPLICITY )-----
शांत मन और सहज रूप से किया गया हर काम सफल होता है !   बिना वजह जल्दीबाजी काम को बनाने की अपेक्षा बिगाडती अधिक है !अस्त व्यस्त दिनचर्या ,जल्दीबाजी ,अव्यवस्था ,दूसरों से आगे निकलने की आपाधापी से हमे सफलता नहीं   तनाव और परेशानी ही मिलती है ! जीवन मे सफलता पाने के लिए हर परिस्थिति मे शांत और सहज रहिये !

2.कर्म का नियम (law of Work)-----
दोस्तों सिर्फ सोचने या प्लान बनाने से ही सफलता नहीं मिलती उसके लिए कर्म भी करना पड़ता है !  किसान सिर्फ सोच कर ही फसल नहीं  उगाता   उसके लिए उसे बीज बोने  उनकी देखभाल करने जैसा कर्म भी करना पड़ता है ! आपकी इच्छा रुपी गाडी अपने आप मंजिल तक नहीं जा सकती ,उसे कर्म रुपी tyre पर चलना ही पड़ता है ,  तभी वो अपनी मंजिल तक जा पाती  है ! काम जितना सहज ,नियमित और श्रेष्ठ होगा सफलता की दर भी उतनी ही ज्यादा होगी !

3.कामना का नियम (law of Hopes)----
सफलता पाने के लिए पहले आपको मन मे सफल होने की कामना करनी होगी ,  तभी आप यथार्थ मे भी सफल हो पाएँगे !  क्योंकि काम भी मन की इच्छा से ही पूरे होते हैं , मनमाफिक काम हम बड़े आराम और जल्दी से पूरा कर लेते हैं   जबकि जिस काम मे हमारा मन नहीं होता वो हमे भारी और उबाऊ लगता है , है ना ?   इसलिए जो जरूरी है उस काम की कामना भी मन के लिए जरूरी है !

4.परवाह का नियम (law of Care)----
हमे जितनी अपनी सफलता और विकास की परवाह होती है उतनी ही दूसरों के लिए भी होनी चाहिये  !  परवाह की ये भावना हमे उदार बनती है और  JEALOUSY,ENMITY,MALICE जैसी बुरी भावनाओ से हमें दूर भी रखती है !  और अगर हम दूसरों की परवाह करेंगे ,  तो जाहिर है दुसरे भी हमारी परवाह करेंगे !  कहावत भी है की "जो दूसरे को एक गुलाब देता है ,थोड़ी खुशबू देने वाले के हाथ मे भी रह जाती है "!

5.विश्वास का नियम (law of Trust)---
आत्मविश्वास सफलता का UNERRING WEAPON है!   ये अगर हमारे अन्दर हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है , कुछ भी बन सकता है ,दुनिया का इतिहास ऐसे ही  उन  थोड़े से व्यक्तियों का इतिहास है  जिनमें आत्मविश्वास कूट कूट कर भरा था !  असफलता तभी मिलती है जब हमे अपने ऊपर ,  अपनी क्षमताओं पर विश्वास नहीं होता !  नास्तिक वो नहीं जिसका परमात्मा मे विश्वास  नहीं है ,नास्तिक वो है जिसमे आत्मविश्वास ही नहीं है !

6.आदर का नियम(law of Respect )----
एक गाना है ,'प्यार दो प्यार लो ' है ना ,  उसीतरह दोस्तों जीवन मे 'आदर दो आदर लो '!   दूसरी बात लोग आपकी उतनी ही इज्जत करेंगे जितनी की आप अपने स्वयं की इज्जत करते हैं !  अगर आप खुद को ही हीन ,inferior मानते हैं तो दुसरे भी आपको inferiority की नजर से ही देखेंगे !  इसलिए सफलता के लिए जरूरी है की आप खुद का भी आदर करें और दूसरों का भी !

7 .सक्रियता का नियम (law of Activity   )----
जो जीवन मे सफलता पाना चाहते हैं वो भाग्य और भविष्य के भरोसे हाथ पर हाथ धरे बेठे नहीं रहते , बल्कि वो कुछ करते रहने मे विश्वास रखते हैं! और सफलता के प्रति सक्रिय हो जाते हैं !  उनकी यह सक्रियता उन्हें प्रबल प्रयास और प्रचंड पुरुषार्थ के लिए प्रेरित करती है , जिससे उनमें साहस और बल का संचार होता है !  और असफलता के भंवर मे भी असीम धेर्य का परिचय देते हुए ऐसे व्यक्ति सक्रियता से उस भंवर को पार कर जाते हैं ,और सफलता तक पहुँच जाते हैं!

8 .परोपकार का नियम (law of Benevolence )----
दूसरों के लिए बिना किसी स्वार्थ के कुछ करने की भावना ही परोपकार है !  परोपकार खेत मे बोये  जाने वाले बीज के सामान है ! जब परोपकार किया जाता है तो कुछ भी दिखाई नहीं देता पर जब उसकी फसल पक जाती है तो वो सदभावना और प्रेम के रूप मे लहलहाने लगती है !

9.कृतज्ञता का नियम (law of  Gratitude )----
दूसरों के परोपकार का बदला केवल कृतज्ञता से ही चुकाया जा सकता है !  क्योंकि कृतज्ञ होने से विनम्रता आती है , और ऐसे इंसान का सभी सहयोग करते हैं ,और वह सफल हो जाता है !  किसी ने हमारे लिए कुछ भी अच्छा  किया हो ,हमे सदा उसके प्रति कृतज्ञ होना चाहिये !  किसी का धन्यवाद करने से हम छोटे नहीं हो जाते  बल्कि वो हमारे बढ़प्पन को ही दिखाता है ! 

10 .बलिदान का नियम(law of Sacrifice )---
ये सफलता का आखिरी  और जरूरी नियम है!  सफल वो ही हो सकते हैं जो त्याग ,बलिदान और समर्पण की भावना रखते हैं !  बलिदान अपने आलस्य का , अपनी सुख सुविधाओं का , अपने आराम का ! बिना  Sacrifice के, बिना समर्पण के सफलता मुश्किल नहीं असंभव भी होती है ! 
 ये आत्मविश्वास के Igneous सूत्र हैं !
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दोस्तों ये article पूज्य गुरुदेव पंडित श्री राम शर्मा आचार्य जी के ज्ञान के समुद्र की कुछ बूँदें हैं ,जो हमे सफलता के मार्ग पर चलने की दिशा दिखाती हैं !