may14

शुक्रवार, 20 जुलाई 2012

हारिये ना हिम्मत

 दोस्तों ,जिंदगी है तो संघर्ष् हैं,तनाव् है,काम् का pressure है!ख़ुशी है,डर् है!लेकिन् ख़ुशी की बात् है की ये सभी स्था‌ई नहीं हैं!समय् रूपी नदी के प्रवाह् में से सब् प्रवाहमान् हैं!को‌ई भी परिस्थिति चाहे ख़ुशी की हो या डर् तनाव् की, कभी स्था‌ई नहीं होती ,समय् के अविरल् प्रवाह् में विलीन् भी हो जाती है!
ऐसा अधिकतर् होता है की जीवन् की यात्रा के दौरान् हम् अपने आप् को क‌ई बार् दुःख् ,तनाव्,चिंता,डर्,हताशा,निराशा,भय्,रोग् इत्यादि के मकडजाल् में फंसा हु‌आ पाते हैं  हम् तात्कालिक् परिस्थितियों के इतने वशीभूत् हो जाते हैं  कि दूर् दूर् तक् देखने पर् भी हमें को‌ई प्रकाश् की किरण् मात्र् भी दिखा‌ई नहीं देती , दूर् से चींटी की तरह् महसूस् होने वाली परेशानी हमारे नजदीक् आते आते हाथी के जैसा रूप् धारण् कर् लेती है  और् हम् उसकी विशालता और् भयावहता के आगे समर्पण् कर् परिस्थितियों को अपने ऊपर् हावी हो जाने देते हैं,वो परिस्थिति हमारे पूरे वजूद् को हिला डालती है ,हमें हताशा,निराशा के भंवर् में उलझा जाती है!
दोस्तों ,ऐसा अधिकतर् होता है की परिस्थितियां हमारे अनुकूल् नहीं होतीं हम् जो चाहते हैं वह् मिल् नहीं पाता  एक‌एक् क्षण् पहाड़् सा प्रतीत् होता है और् हम् में से अधिकतर् , दूर् को‌ई आशा की किरण् ना देख् पाने से हताश् होकर् परिस्थिति के आगे हथियार् डाल् देते हैं!
अगर् आप् किसी अनजान्,निर्जन् रेगिस्तान् मे फँस् जा‌एँ तो उससे निकलने का एक् ही उपा‌ए है ,बस् -चलते रहें!  अगर् आप् नदी के बीच् जाकर् हाथ् पैर् नहीं चला‌एँगे तो निश्चित् ही डूब् जा‌एंगे !  जीवन् मे कभी ऐसा क्षण् भी आता है, जब् लगता है की बस् अब् कुछ् भी बाकी नहीं है ,ऐसी परिस्थिति मे अपने  आत्मविश्वास् और् साहस् के साथ् सिर्फ् डटे रहें क्योंकि --हर् चीज् का हल् होता है,आज् नहीं तो कल् होता है

एक् बार् एक् राजा की सेवा से प्रसन्न् होकर् एक् साधू नें उसे एक् ताबीज् दिया और् कहा की राजन्  इसे अपने गले मे डाल् लो और् जिंदगी में कभी ऐसी परिस्थिति आये की जब् तुम्हे लगे की बस् अब् तो सब् ख़तम् होने वाला है ,परेशानी के भंवर् मे अपने को फंसा पा‌ओ ,को‌ई प्रकाश् की किरण् नजर् ना आ रही हो ,हर् तरफ् निराशा और् हताशा हो तब् तुम् इस् ताबीज् खोल् कर् इसमें रखे कागज़् को पढ़ना ,उससे पहले नहीं!

राजा ने वह् ताबीज् अपने गले मे पहन् लिया !एक् बार् राजा अपने सैनिकों के साथ् शिकार् करने घने जंगल् मे गया!  एक् शेर् का पीछा करते करते राजा अपने सैनिकों से अलग् हो गया और् दुश्मन् राजा की सीमा मे प्रवेश् कर् गया,घना जंगल् और् सांझ् का समय्तभी कुछ् दुश्मन् सैनिकों के घोड़ों की टापों की आवाज् राजा को आ‌ई और् उसने भी अपने घोड़े को एड् लगा‌ईराजा आगे आगे दुश्मन् सैनिक् पीछे पीछे!   बहुत् दूर् तक् भागने पर् भी राजा उन् सैनिकों से पीछा नहीं छुडा पाया !  भूख्  प्यास् से बेहाल् राजा को तभी घने पेड़ों के बीच् मे एक् गुफा सी दिखी ,उसने तुरंत् स्वयं और् घोड़े को उस् गुफा की आड़् मे छुपा लिया !  और् सांस् रोक् कर् बैठ् गया , दुश्मन् के घोड़ों के पैरों की आवाज् धीरे धीरे पास् आने लगी !  दुश्मनों से घिरे हु‌ए अकेले राजा को अपना अंत् नजर् आने लगा ,उसे लगा की बस् कुछ् ही क्षणों में दुश्मन् उसे पकड़् कर् मौत् के घाट् उतार् देंगे !  वो जिंदगी से निराश् हो ही गया था , की उसका हाथ् अपने ताबीज् पर् गया और् उसे साधू की बात् याद् आ ग‌ई !उसने तुरंत् ताबीज् को खोल् कर् कागज् को बाहर् निकाला और् पढ़ा !   उस् पर्ची पर् लिखा था ---"यह्(समय्) भी कट् जा‌एगा "
अचानक् जैसे घोर् अन्धकार् मे एक्  ज्योति की किरण् दिखी , डूबते को जैसे को‌ई सहारा मिला !  उसे अचानक् अपनी आत्मा मे एक् अकथनीय् शान्ति का अनुभव् हु‌आ !  उसे लगा की सचमुच् यह् भयावह् समय् भी कट् ही जा‌एगा ,फिर् मे क्यों चिंतित् हो‌ऊं !  अपने प्रभु और् अपने पर् विश्वासरख् उसने स्वयं से कहा की हाँ ,यह् भी कट् जा‌एगा !
और् हु‌आ भी यही ,दुश्मन् के घोड़ों के पैरों की आवाज् पास् आते आते दूर् जाने लगी ,कुछ् समय् बाद् वहां शांति छा ग‌ई !  राजा रात् मे गुफा से निकला और् किसी तरह् अपने राज्य् मे वापस् आ गया !
दोस्तों,यह् सिर्फ् किसी राजा की कहानी नहीं है यह् हम् सब् की कहानी है !हम् सभी परिस्थिति,काम् ,तनाव् के दवाव् में इतने जकड् जाते हैं की हमे कुछ् सूझता नहीं है ,हमारा डर् हम् पर् हावी होने लगता है ,को‌ई रास्ता ,समाधान् दूर् दूर् तक् नजर् नहीं आता ,लगने लगता है की बस्, अब् सब् ख़तम् ,है ना?
तब् दोस्तों,२ मिनट् शांति से बेठिये ,थोड़ी गहरी गहरी साँसे लीजिये !  अपने आराध्य् को याद् कीजिये और् स्वयं से जोर् से कहिये --यह् भी कट् जा‌एगा !   आप् देखि‌एगा एकदम् से जादू सा महसूस् होगा , और् आप् उस् परिस्थिति से उबरने की शक्ति अपने अन्दर् महसूस् करेंगे !  आजमाया हु‌आ है ! बहुत् कारगर् है
आशा है जैसे यह् सूत्र् मेरे जीवन् मे मुझे प्रेरणा देता है ,आपके जीवन् मे भी प्रेरणादायक् सिद्ध् होगा !
डॉ .नीरज्